|| हैशटैग (#) की परंपरा ||
हैशटैग (#) की बात की जाए तो यह शब्द पुराना नहीं है हम सब इस शब्द से परिचित हैं, हैशटैग (#) का उपयोग आज के समय में भारी मात्रा में किया जाता है हर शब्द से पहले हैशटैग (#) लगाना अब कोई नई बात नहीं है लेकिन यह भी सोचने की बात है कि हैशटैग (#) का आना और हम सबके बीच अपनी एक अलग जगह बनाना कहां से शुरू हुआ होगा हमने कभी इतनी गहराई में जाने का सोचा ही नहीं...
खैर छोड़िए! हैशटैग (#) का प्रचलन और इसका इस्तेमाल दोनों में पहले से अब तक काफी बदलाव आ गए हैं जहां पहले शब्द को अनोखा बनाने के लिए हैशटैग (#) का प्रयोग किया जाता था अब वहीं हैशटैग (#) का उपयोग हम हर शब्द में करने लगे हैं।
खास तौर पर सोशल मीडिया में जहां देखो वहीं शब्दों को # से शुरू किया जाता है चाहें वह शब्द हैशटैग (#) का उपयोग करने लायक हो या न हो लोग हैशटैग (#) को यह समझकर इस्तेमाल में लाते हैं कि कोई भी चीज, कोई भी शब्द हैशटैग (#) लगाकर अनोखा बन जाएगा लेकिन हर शब्द को अनोखा बनाना और उस शब्द का खुद अनोखा होना इसमें भी काफी अंतर है।
हैशटैग (#) का प्रयोग करना गलत नहीं है लेकिन हर चीज में # को लगाना और हैशटैग (#) को जोड़ना अनीतिगत है सबसे पहले हैशटैग (#) का उपयोग आईआरसी पर हुआ था जिसके बाद ट्विटर ने इसे प्रचलित किया फिर धीरे-धीरे हैशटैग (#) फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों में प्रयोग किया जाने लगा किसी भी संदेश या लिंक को साझा करते समय हैशटैग (#) को जोड़ दिया जाए तो यह एक लिंक के रूप में काम करता है जिस पर क्लिक करके वह सभी संदेश पढ़े जा सकते हैं जहां-जहां निम्न शब्दों का प्रयोग होता है लेकिन हर शब्द में हैशटैग (#) लगाना सही नहीं है किंतु आजकल की परंपरा बन गई है। हैशटैग (#) का उपयोग करना बहुत जरूरी है उसके बिना खास अक्षर भी खास नहीं लगता,यह सोचना गलत है बल्कि इसे तो हैशटैग (#) का गलत उपयोग माना जाएगा क्योंकि हैशटैग (#) का सही उपयोग उन शब्दों में किया जाना चाहिए जो लोगों के काम में आए जिससे हमें ज्ञान मिले और जो व्यक्ति किसी शब्द का मतलब नहीं समझता वह भी उस शब्द को जानकर उसकी महत्वता समझ सके लेकिन हर जगह हैशटैग (#) लगाकर हम इसे अनुपयोगी बना देते हैं लेकिन हैशटैग (#) का इस्तेमाल सही ढंग से किया जाए तो यह हमें काफी हद तक नई-नई चीजों से जोड़ सकता है अब यह भी नहीं है कि हम केवल प्रचलित शब्दों में हैशटैग (#) को जोड़ें लेकिन (#का, #भी, #है) ऐसे शब्दों में- हैशटैग (#) को जोड़कर हम कोई बड़ा काम नहीं करते बल्कि यह तो बेवजह जैसा लगता है इससे तो हैशटैग (#) की महत्वता भी खत्म होती दिखाई देती है क्योंकि हर कोई (का, भी, है) जैसे शब्दों में कोई अनोखापन नहीं है यह शब्द तो हर रोज, हर पल, हर किसी के द्वारा प्रयोग किए जाते हैं जिसमें हैशटैग (#) लगाकर हम क्या सिद्ध करना चाहते हैं यह शब्द तो साधारण है हर कोई इन शब्दों को जानता है।
इनकी जगह हैशटैग (#) का प्रयोग #पारंपरिकभोज, #पारंपरिकप्रथा #पारंपरिकवेशभूषा जैसे शब्दों में प्रयोग किया जाए तो कम-से-कम हैशटैग (#) का इस्तेमाल भी समझ में आएगा और हैशटैग (#) की महत्वता भी बनी रहेगी। इसके अलावा हैशटैग (#) की महत्वता और हैशटैग (#) की चलने वाली प्रचलित परंपरा भी बनी रहेगी किसी भी शब्द का खास होना और न होना उस शब्द के प्रयोग पर निर्भर करता है हैशटैग (#) लगाकर कोई शब्द अनोखा नहीं बन सकता बल्कि हैशटैग (#) का प्रयोग इसलिए किया जाता है जो शब्द हम प्रयोग कर रहे हैं उससे जुड़े तथ्यों को हम दूसरों तक भी पहुंचा सकें और यही हैशटैग (#) का सही प्रयोग माना जाएगा।
लेखक:- रिया तोमर
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